इससे न केवल देश के केंद्र सरकार के कर्मचारियों के वेतन में बदलाव किया जाएगा, बल्कि पेंशनर्स भोगियों की पेंशन में भी सुधार किया जाएगा।केंद्रीय कर्मचारियों की सैलरी के स्ट्रक्चर में किया जा रही बदलाव इस तारीख से मिलेगी शुरू होगी बढ़ी हुई सैलरी।
आपको जानकारी के लिए बता दें कि केंद्र सरकार के लगभग 50 लाख से अधिक कर्मचारियों और करीब 65 लाख पेंशनर्स को इसका सीधा सा फायदा होगा। हालांकि पे पैनल को अभी तक अपनी रिपोर्ट पेश करने और उसके बाद उसे मंजूरी मिलने में 1 साल का समय लग सकता है।
क्या सरकार पर वित्तीय बोझ बढ़ेगा
आठवें केंद्रीय वेतन आयोग की सिफारिशें सरकार पर वित्तीय बोझ को बढ़ाएंगी। यह सवाल लोकसभा में सांसद कंगना रनौत और सजदा अहमद ने जोर से उठाया है। उन्होंने इस पर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से भी स्पष्टीकरण मांगा हैं। इसके साथ ही 7वें स्तर पर केंद्र सरकार के कर्मचारियों और पेंशनर्स की संख्या के बारे में भी जानने की कोशिश की हैं। जिन्हें 8वें वेतन आयोग से फायदा मिलने की संभावना है।
इन दोनों ही सांसदों ने सरकार से पूछा है कि क्या राजकोषीय नीतियों और सरकारी खर्च पर 8वें केंद्रीय वेतन आयोग के पड़ने वाले प्रभाव का आकलन करने के लिए सरकार के द्वारा कोई अध्ययन भी किया गया है। इसके साथ ही उन्होनें यह भी पूछा कि क्या कर्मचारी यूनियनों, पेंशनभोगियों और अन्य कर्मचारियों से इस आयोग पर किसी तरह की की सलाह भी ली गई हैं।
वित्त मंत्री का क्या रहा जवाब
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सांसदों के सवालों का जवाब देते हुए कहा कि केंद्र सरकार के सरकारी कर्मचारियों की संख्या 1 मार्च 2025 तक 36 लाख 57 हजार होगी, जबकि पेंशनर्स की कुल संख्या 31 दिसंबर 2024 के अनुसार 33 लाख 91 हजार अनुमानित है।
उन्होंने यह भी बताया कि रक्षा कर्मियों और पेंशनर्स को भी लाभ मिलेगा। 8वें वेतन आयोग की सिफारिशों का पड़ने वाला वित्तीय असर तब ही स्पष्ट होगा, जब इसकी सिफारिशें प्रस्तुत की जाएंगी।
7वां वेतन आयोग 2026 में होगा खत्म
7वें वेतन आयोग का गठन वर्ष 2014 में किया गया था और इस आयोग की सिफारिशें 1 जनवरी, 2016 से लागू हुई थीं। यह 2026 में खत्म हो जाएगा। आमतौर पर अगर देखा जाए तो हर 10 साल में केंद्र सरकार अपने कर्मचारियों के वेतन में बदलाव करने के लिए वेतन आयोग का गठन करती है।